Rakshabandhan Shayari Whatsapp Status
क्यों छीन लिया यूँ बतला आज तेरी खुदाई को,
क्यों रुलाता ए खुदा फिर से दे दे भाई को,
रक्षाबंधन सूना मेरा ये पर्व क्या काम का,
मैं करती हूँ याद मेरे भैया की कलाई को।
हर बहन मुस्काती देखो मैं मुस्काती क्यों नहीं,
राखी है पर भाई नहीं ये राखी आती क्यों नहीं।
तुम आये और चले गए मेरी आंखें जब तक बंद थी,
तुम याद थे मुझको लेकिन सांसें थोड़ी मन्द थी,
अब आई है राखी लेकिन भाई बताओ इतना सा,
बहन नहीं पसन्द थी या राखी नहीं पसन्द थी।
राखी लायी लेकिन तेरे राखी वाले हाथ कहाँ,
जो साथ था अपना भैया अब अपना वो साथ कहाँ।
हर राखी पर तेरी मुझको एक कमी सी खलती है,
भाई आएगा पलकों पे ये एक आस ही पलती है।
प्रेम से जिसमें बहना ने जोश का बारूद दागा है,
कोई कच्ची डोर नहीं ये रक्षा का धागा है।
- योगेन्द्र जीनगर "यश"
क्यों छीन लिया यूँ बतला आज तेरी खुदाई को,
क्यों रुलाता ए खुदा फिर से दे दे भाई को,
रक्षाबंधन सूना मेरा ये पर्व क्या काम का,
मैं करती हूँ याद मेरे भैया की कलाई को।
हर बहन मुस्काती देखो मैं मुस्काती क्यों नहीं,
राखी है पर भाई नहीं ये राखी आती क्यों नहीं।
तुम आये और चले गए मेरी आंखें जब तक बंद थी,
तुम याद थे मुझको लेकिन सांसें थोड़ी मन्द थी,
अब आई है राखी लेकिन भाई बताओ इतना सा,
बहन नहीं पसन्द थी या राखी नहीं पसन्द थी।
राखी लायी लेकिन तेरे राखी वाले हाथ कहाँ,
जो साथ था अपना भैया अब अपना वो साथ कहाँ।
हर राखी पर तेरी मुझको एक कमी सी खलती है,
भाई आएगा पलकों पे ये एक आस ही पलती है।
प्रेम से जिसमें बहना ने जोश का बारूद दागा है,
कोई कच्ची डोर नहीं ये रक्षा का धागा है।
- योगेन्द्र जीनगर "यश"
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