15 August Quotations | 15 August Poem In Hindi For School
जब हटी है तीन सौ सत्तर देश के संविधान से,
देखो लहराता तिरंगा जम्मू में भी शान से।
हम तो थे आजाद पर आज एक नई आजादी है,
एक बार फिर से बनी मां भारती शहज़ादी है।
खुलके हम बोलेंगे वंदेमातरम जय भारती,
देशभक्ति पूजा मेरी गाता इसकी आरती।
एकता का बल हो जिसमें देश बनता है वही,
रेशा रेशा जिसमें जुड़ता वेश बनता है वही।
कोई करता आरती तो कोई पढ़ता है नमाज़,
सब धर्म समान इनसे मिलके बनता है समाज।
दूर भागो दुश्मनों डर जाओ स्वाभिमान से,
तुम तो हो कायर हमारी वीरता बलिदान से।
गर्व से तनता हिमालय एक नई उमंग है,
खुशियों का हर ओर बिखरा बिखरा देखो रंग है।
कामयाबी देश की तो कामयाब हम हुए,
देश चमके विश्व में जब आफ़ताब हम हुए।
सभ्यता से संस्कृति और संस्कृति से देश है,
ये देश की है प्रकृति इस प्रकृति से देश है।
देशहित है सबका हित और ये हमारा लक्ष्य है,
कर भला तो हो भला कितना मनोरम दृश्य है।
- कवि योगेन्द्र जीनगर "यश"
जब हटी है तीन सौ सत्तर देश के संविधान से,
देखो लहराता तिरंगा जम्मू में भी शान से।
हम तो थे आजाद पर आज एक नई आजादी है,
एक बार फिर से बनी मां भारती शहज़ादी है।
खुलके हम बोलेंगे वंदेमातरम जय भारती,
देशभक्ति पूजा मेरी गाता इसकी आरती।
एकता का बल हो जिसमें देश बनता है वही,
रेशा रेशा जिसमें जुड़ता वेश बनता है वही।
कोई करता आरती तो कोई पढ़ता है नमाज़,
सब धर्म समान इनसे मिलके बनता है समाज।
दूर भागो दुश्मनों डर जाओ स्वाभिमान से,
तुम तो हो कायर हमारी वीरता बलिदान से।
गर्व से तनता हिमालय एक नई उमंग है,
खुशियों का हर ओर बिखरा बिखरा देखो रंग है।
कामयाबी देश की तो कामयाब हम हुए,
देश चमके विश्व में जब आफ़ताब हम हुए।
सभ्यता से संस्कृति और संस्कृति से देश है,
ये देश की है प्रकृति इस प्रकृति से देश है।
देशहित है सबका हित और ये हमारा लक्ष्य है,
कर भला तो हो भला कितना मनोरम दृश्य है।
- कवि योगेन्द्र जीनगर "यश"
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