क्या कविता या poetry में बहर का use करना जरूरी है
दोस्तों, आज हम इस लेख में "क्या कविता या poetry में बहर का use करना जरूरी है" ये जानेंगे। कविता लेखन में रुचि रखने वाले रचनाकार ने हमसे ये प्रश्न पूछा है। अगर आपके दिमाग में भी कविता लेखन यानि poetry writing से जुड़ा ये सवाल है, तो आप हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
सबसे पहले तो आपको ये समझ लेना चाहिए कि कविता (poetry) आखिर कहते किसे हैं। दोस्तों, अगर आप अपने किन्हीं विचारों को शब्दों का रूप देकर पद्य रूप में लिखते हैं, तो वो एक कविता बन जाती है। दोस्तों, मैं आपको पिछली post में बता चुका हूं कि आप कविता को 2 तरीके से लिखते हैं, तुकांत और अतुकांत।
कहने का अर्थ है आप कुछ भी write करते हैं जैसे ग़ज़ल, गीत, मुक्तक और गीतिका आदि सभी कविता के अंतर्गत ही आते हैं। ये सभी एक कविता हो सकते हैं। लेकिन कभी भी ये जरूरी नहीं है कि एक कोई कविता (poetry) ग़ज़ल या गीत होगा ही होगा। कविता में आपकी अतुकांत कविता भी हो सकती है। इसलिए ये जरूरी नहीं कि आप कविता बहर में लिखे। अगर आप अपनी कविता को तुकांत के माध्यम से लयबद्ध तरीके से लिखने का सोच रहे हैं, तो आप अपने मन से कोई मीटर बनाकर भी अच्छी poetry लिख सकते हैं और आप ग़ज़ल की बहर का भी use कर सकते हैं।
इसके विपरीत अगर आप किसी विधा में लेखन कार्य (writing work) करने का सोच रहे हैं, जैसे गीतिका, ग़ज़ल आदि फिर आपको बहर और मीटर का use करना जरूरी हो जाता है। कहने का अर्थ यही है अगर आप केवल एक अच्छी कविता लिखना चाहते हैं तो आप किसी बहर या मीटर का use भी कर सकते हैं तो इसका use करना जरूरी नहीं होता है।
तो दोस्तों, मुझे पूरी उम्मीद है कि ये लेख "क्या कविता या poetry में बहर का use करना जरूरी है" आपके लिए जरूर सहायक सिद्ध होगा। इसी तरह की कविता लेखन से जुड़ी post पढ़ने के लिए हमारे इस blog को निरन्तर देखते रहें।
दोस्तों, आज हम इस लेख में "क्या कविता या poetry में बहर का use करना जरूरी है" ये जानेंगे। कविता लेखन में रुचि रखने वाले रचनाकार ने हमसे ये प्रश्न पूछा है। अगर आपके दिमाग में भी कविता लेखन यानि poetry writing से जुड़ा ये सवाल है, तो आप हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
सबसे पहले तो आपको ये समझ लेना चाहिए कि कविता (poetry) आखिर कहते किसे हैं। दोस्तों, अगर आप अपने किन्हीं विचारों को शब्दों का रूप देकर पद्य रूप में लिखते हैं, तो वो एक कविता बन जाती है। दोस्तों, मैं आपको पिछली post में बता चुका हूं कि आप कविता को 2 तरीके से लिखते हैं, तुकांत और अतुकांत।
कहने का अर्थ है आप कुछ भी write करते हैं जैसे ग़ज़ल, गीत, मुक्तक और गीतिका आदि सभी कविता के अंतर्गत ही आते हैं। ये सभी एक कविता हो सकते हैं। लेकिन कभी भी ये जरूरी नहीं है कि एक कोई कविता (poetry) ग़ज़ल या गीत होगा ही होगा। कविता में आपकी अतुकांत कविता भी हो सकती है। इसलिए ये जरूरी नहीं कि आप कविता बहर में लिखे। अगर आप अपनी कविता को तुकांत के माध्यम से लयबद्ध तरीके से लिखने का सोच रहे हैं, तो आप अपने मन से कोई मीटर बनाकर भी अच्छी poetry लिख सकते हैं और आप ग़ज़ल की बहर का भी use कर सकते हैं।
इसके विपरीत अगर आप किसी विधा में लेखन कार्य (writing work) करने का सोच रहे हैं, जैसे गीतिका, ग़ज़ल आदि फिर आपको बहर और मीटर का use करना जरूरी हो जाता है। कहने का अर्थ यही है अगर आप केवल एक अच्छी कविता लिखना चाहते हैं तो आप किसी बहर या मीटर का use भी कर सकते हैं तो इसका use करना जरूरी नहीं होता है।
तो दोस्तों, मुझे पूरी उम्मीद है कि ये लेख "क्या कविता या poetry में बहर का use करना जरूरी है" आपके लिए जरूर सहायक सिद्ध होगा। इसी तरह की कविता लेखन से जुड़ी post पढ़ने के लिए हमारे इस blog को निरन्तर देखते रहें।
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