Teachers day poem in hindi
बिन माँ के दुनिया अधूरी है।
बिन माँ के दुनिया अधूरी है।
पिता के बिन पहचान ना पूरी है।
पर एक नाता ऐसा भी है ।
जो भक्त भगवान के जैसा ही है।
चरण पखारु मैं जिनके।
स्नेह कठोर प्रतिबिंब है उनके।
असत्य मार्ग पर हरदम टोका।
मन को मेरे ज्ञान से सींचा।
भगवान बिन भक्त अधुरा है।
अभी ज्ञान ना मेरा पूरा है।
अगर हो गए अरमान मेरे सब पुरे,
फिर भी गुरु बिन मेरा सम्मान अधुरा है...
मेरा सम्मान अधुरा है।
- रिकुं कुमार जैसवारा
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