तो क्या हुआ : शानदार रचना
तो क्या हुआ जो तुने मुझे बीच रह में छोड़ दिया,
तो क्या हुआ जो तुने मेरा दिल सरे आम तोड़ दिया।
तेरी भी कुछ मजबूरियाँ कुछ परेशानियाँ रही होगी
अगर मुझे अपना समझती तो एक बार कहा होता,
तो फिर तुने तन्हा ना ज़िंदगी का गम सहा होता।
तेरी ज़िंदगी के सारे गम मैं अपने दामन में समेट लेता,
अपने हिस्से की सारी खुशियाँ मैं तेरे नाम कर देता।
मगर अफसोस कि तूने मुझे कभी हासिल भी ना समझा,
मैं तेरा गम बाँट सकूं इस काबिल भी ना समझा।
तु बेसब्ब मुझे क्यों छोड़ कर गई,
मेरा प्यार भरा दिल क्यों तोड़ कर गई।
मैं आज भी तेरे लौटने का इंतज़ार करता हूँ,
मैं आज भी तुझको बेहद प्यार करता हूँ।
इन निगाहों को तेरे सिवा कोई और जचता नही,
मेरे दिल में तेरे सिवा कोई और बसता नहीं।
अपने दिल में लगा रखी मैंने सिर्फ तस्वीर तेरी है,
जो मुझे हर लम्हा ये एहसास दिलाते हैं कि
तु आज भी मेरी है, तु आज भी मेरी है।।
- मोहम्मद इरफान इलाहाबादी
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