Bacho wali poem - kids poem
बदरा जल बरसाओ ना,
ऐसे अब तरसाओ ना,
देखों फसलें प्यासी है,
प्यासे गांव के वासी है,
चिड़िया को नहाना है,
सूखा पड़ा ज़माना है,
तुम लग रहे नाराज़ हो,
तुम तो हमारे ताज़ हो,
तुम दर्द मुझे सुनाओ ना,
अब तो मत तड़पाओ ना,
बदरा जल बरसाओ ना,
ऐसे अब तरसाओ ना।
⛅⛅⛅⛅⛅⛅⛅
🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻
- कवि योगेन्द्र जीनगर "यश"
बदरा जल बरसाओ ना,
ऐसे अब तरसाओ ना,
देखों फसलें प्यासी है,
प्यासे गांव के वासी है,
चिड़िया को नहाना है,
सूखा पड़ा ज़माना है,
तुम लग रहे नाराज़ हो,
तुम तो हमारे ताज़ हो,
तुम दर्द मुझे सुनाओ ना,
अब तो मत तड़पाओ ना,
बदरा जल बरसाओ ना,
ऐसे अब तरसाओ ना।
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🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻
- कवि योगेन्द्र जीनगर "यश"
Osm sir
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