पापी पेट
शिक्षक बनके ज्ञान की गंगा देखो कोई बहाता है,
इंजिनियर बन करके कोई चाँद की खबरें लाता है,
डॉक्टर बनके इंसानों का कोई जान बचाता है,
पोएट बनके कोई सुरों के सरगम में खो जाता है ।
इंजिनियर बन करके कोई चाँद की खबरें लाता है,
डॉक्टर बनके इंसानों का कोई जान बचाता है,
पोएट बनके कोई सुरों के सरगम में खो जाता है ।
पेट के कारण सब होता है बच्चों पेट महान,
पेट इबादत,पेट है पूजा,पेट ही है भगवान।
पेट इबादत,पेट है पूजा,पेट ही है भगवान।
बढ़ई बनके कोई लकड़ी का सामान बनाता है,
बुनकर बनकर के हम सब को कपड़े कोई पहनाता है,
लोहे को पिघला करके लोहार औजार बनाता है,
लेखक हमको घर बैठे दुनिया की सैर कराता है।
बुनकर बनकर के हम सब को कपड़े कोई पहनाता है,
लोहे को पिघला करके लोहार औजार बनाता है,
लेखक हमको घर बैठे दुनिया की सैर कराता है।
सब रोटी का खेल है बच्चों रोटी धरम - ईमान ,
पापी पेट से बढ़के बच्चों नहीं कोई शैतान।
पापी पेट से बढ़के बच्चों नहीं कोई शैतान।
पीअन बनके ऑफीसर बाबू का कोई नाज उठाता है,
नाटककार कोई बन करके दिल सब का बहलाता है,
कुली बनके कोई इस दुनिया का बोझ उठाता है,
चीर के इस धरती का सीना फार्मर अन्न उपजाता है।
नाटककार कोई बन करके दिल सब का बहलाता है,
कुली बनके कोई इस दुनिया का बोझ उठाता है,
चीर के इस धरती का सीना फार्मर अन्न उपजाता है।
पेट के चक्कर में घन चक्कर नाज है ये संसार,
पेट की लीला होती है ऐ बच्चों अपरमपार।
पेट की लीला होती है ऐ बच्चों अपरमपार।
-नाज ओजैर
Bahut badhhiya bahut Achi lines likhi hai Acha lga padh ke whatsapp status
ReplyDeleteBahut Nadiya
DeleteBahut acha likha hai aapne. dil khush ho gya ise padh kar. Thanks
ReplyDeleteBhut khub guru ji aap bhut mahan work ker rehe h
ReplyDeleteSir mai apni kavita website par kase daalu
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