इंसानियत कितनी बाकी है
बड़ी-बड़ी गद्दियों पर बैठे
महानुभावों से मत पूछो
इंसानियत कितनी बाकी है
वरन,पूछो उनसे जिन्होने
गली-गली की खाक छानी है
कूढ़े के ढेर मे अपना भविष्य तलाशते उस मासूम बच्चे से
पूछो इंसानियत कितनी बाकी है
अपंग, लाचार दर-दर की ठोकरे खाते उस भिखारी से पूछो
इंसानियत कितनी बाकी है
मेले,स्टेशनो पर छोड़े हुए उन
बूढे लाचार माँ-बाप से पूछो
इंसानियत कितनी बाकी है
किसी की हवस का शिकार हुयी
मासूम बच्ची से पूछो
इंसानियत कितनी बाकी है
अपने जिस्म को गिरवी रखने वाली
बेबस,लाचार नारी से पूछो
इंसानियत कितनी बाकी है
-प्रीति चौधरी
awaz ke liye,,,,ajay kumar 8962310553
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