हम आपके लेखन के क्षेत्र में उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आपकी रचना प्रस्तुत करते हैं-
"अचानक"
अच्छा लगता है जब
अचानक से आती है आवाज़
किसी मासूम के रोने की
जो आया हो अभी-अभी
इस संसार में।
जब अचानक से आता है कोई
मिलने बरसों बाद हमसे
जो रहता हो साथ हमारे कभी
पहले साये की तरह।
जब देखते हुए बादलों की तरफ
अचानक से शुरू हो जाती है
बारिश और देखते ही देखते
भीग जाते हैं हम पूरे के पूरे।
जब किसी की तलाश में हो आँखें
और वो आ जाए अचानक से
इनके सामने किसी तरीके से।
जब कोई हाथ बढ़ता है अचानक से
उस मज़बूर की तरफ मदद को
जो बस खोने ही वाला था आस
ख़ुदा के वज़ूद की।
अचानक से कोई दे देता है
साथ हमारा जब सब समझ लेते हैं
ग़लत हमको।
जब कोई दुआ अचानक से हो
जाती है क़ुबूल जो मांगी थी
अभी-अभी बस कुछ देर पहले।
जब अचानक से हो जाता है प्यार
इक नज़र देखकर किसी को।
और हो जाते हैं हम किसी और के।
कितना अच्छा लगता है जब
सबकुछ यूँ अचानक से होता है।
-रिज़वान रिज़
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