Writer or Poet banne ke liye degree or diploma kya hona chahiye -
दोस्तों आज हम आपके लिए एक हटके टाॅपिक लेकर आएं हैं क्योंकि हमारे चैनल के एक सदस्य ने इस प्रश्न को दो बार हमसे पूछ लिया। दोस्तों ऐसा प्रश्न मन में आना स्वाभाविक है और नवोदित रचनाकारों के मन में आना तो वास्तव में स्वाभाविक है क्योंकि मैं स्वयं इस दौर से गुजरा हुआ हूं। हो सकता है ये प्रश्न आपके मन में भी आया हो और ये भी हो सकता है कि आप ये प्रश्न सूनके एक बार स्तब्ध रह जाएं। जी हां दोस्तों हमारे एक मित्र ने हमसे ये प्रश्न किया है कि क्या कविता लिखने के लिए किसी डिग्री बी.ए. आदि का होना अनिवार्य है? क्या कविता लिखने से पहले हमें किसी पात्रता को पूर्ण करना होता है?
यदि आपका भी यही प्रश्न है तो घबराए नहीं। आपकी घबराहट अब दूर कर ही देते हैं। तो दोस्तों सबसे पहले तो हम बता दें कि कविता लिखने के लिए किसी भी डिग्री का होना जरूरी नहीं ना ही कविता लिखने के लिए आपको किसी पात्रता की जरूरत होती है। एक बिना पढ़ा लिखा व्यक्ति भी कविता लिख सकता है, उसे बस केवल शब्दों और भावों को कागज पर उतारना आना चाहिए। कई बिना पढ़े लिखे व्यक्ति भले ही उन्हें काव्य विधाओं का ज्ञान ना हो लेकिन जैसा हमने आपको बताया था कि हर इंसान के अंदर कवि यानि भावनाएं होती है तो वो व्यक्ति अपनी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से अतुकांत तरीके से बनाकर एक कविता को बना लेता है। अब आप कहेंगे कि हमने कहा बिना पढ़ा लिखा व्यक्ति बना लेता है तो उसे भाषा का ज्ञान तो होता नहीं और वो कागज पर लिखेगा कैसेे?
तो आपको इसकी जानकारी भी हम दे देते हैं कि ये जरूरी नहीं कि इंसान हिंदी या अंग्रेजी में ही कविता लिख सकता है। इंसान अपनी बोली जाने वाली क्षेत्रिय भाषा के द्वारा भी कविता लिख सकता है। जैसे हमारे दादा जी हुए या कोई बुजुर्ग हुए उन्हें भले ही हिंदी नहीं आती हो लेकिन वो हमारी क्षेत्रिय भाषा को हमसे बेहतर बोल सकते हैं तो भाषा का तो सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि किसी न किसी इंसान को कोई न कोई भाषा तो जरूर आती है।
इसके अलावा जहां तक लिखने का सवाल है तो ये जरूरी नहीं कि कविता को लिखा जाए बल्कि उसे हम अपने मन मस्तिष्क में या किसी डिवाइज में भी तो सुरक्षित रख सकते हैं। तो एक रचनाकार के लिए भले ही किसी शैक्षणिक योग्यता की पात्रता की अनिवार्यता ना हो लेकिन एक रचनाकार में एक पात्रता हमेशा होनी चाहिए और वो है भावनाओं को समझने की और उन भावनाओं को शब्दों के माध्यम से बयां करने की।
तो दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा और आप इस जवाब से संतुष्ट भी होंगे।
दोस्तों आज हम आपके लिए एक हटके टाॅपिक लेकर आएं हैं क्योंकि हमारे चैनल के एक सदस्य ने इस प्रश्न को दो बार हमसे पूछ लिया। दोस्तों ऐसा प्रश्न मन में आना स्वाभाविक है और नवोदित रचनाकारों के मन में आना तो वास्तव में स्वाभाविक है क्योंकि मैं स्वयं इस दौर से गुजरा हुआ हूं। हो सकता है ये प्रश्न आपके मन में भी आया हो और ये भी हो सकता है कि आप ये प्रश्न सूनके एक बार स्तब्ध रह जाएं। जी हां दोस्तों हमारे एक मित्र ने हमसे ये प्रश्न किया है कि क्या कविता लिखने के लिए किसी डिग्री बी.ए. आदि का होना अनिवार्य है? क्या कविता लिखने से पहले हमें किसी पात्रता को पूर्ण करना होता है?
यदि आपका भी यही प्रश्न है तो घबराए नहीं। आपकी घबराहट अब दूर कर ही देते हैं। तो दोस्तों सबसे पहले तो हम बता दें कि कविता लिखने के लिए किसी भी डिग्री का होना जरूरी नहीं ना ही कविता लिखने के लिए आपको किसी पात्रता की जरूरत होती है। एक बिना पढ़ा लिखा व्यक्ति भी कविता लिख सकता है, उसे बस केवल शब्दों और भावों को कागज पर उतारना आना चाहिए। कई बिना पढ़े लिखे व्यक्ति भले ही उन्हें काव्य विधाओं का ज्ञान ना हो लेकिन जैसा हमने आपको बताया था कि हर इंसान के अंदर कवि यानि भावनाएं होती है तो वो व्यक्ति अपनी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से अतुकांत तरीके से बनाकर एक कविता को बना लेता है। अब आप कहेंगे कि हमने कहा बिना पढ़ा लिखा व्यक्ति बना लेता है तो उसे भाषा का ज्ञान तो होता नहीं और वो कागज पर लिखेगा कैसेे?
तो आपको इसकी जानकारी भी हम दे देते हैं कि ये जरूरी नहीं कि इंसान हिंदी या अंग्रेजी में ही कविता लिख सकता है। इंसान अपनी बोली जाने वाली क्षेत्रिय भाषा के द्वारा भी कविता लिख सकता है। जैसे हमारे दादा जी हुए या कोई बुजुर्ग हुए उन्हें भले ही हिंदी नहीं आती हो लेकिन वो हमारी क्षेत्रिय भाषा को हमसे बेहतर बोल सकते हैं तो भाषा का तो सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि किसी न किसी इंसान को कोई न कोई भाषा तो जरूर आती है।
इसके अलावा जहां तक लिखने का सवाल है तो ये जरूरी नहीं कि कविता को लिखा जाए बल्कि उसे हम अपने मन मस्तिष्क में या किसी डिवाइज में भी तो सुरक्षित रख सकते हैं। तो एक रचनाकार के लिए भले ही किसी शैक्षणिक योग्यता की पात्रता की अनिवार्यता ना हो लेकिन एक रचनाकार में एक पात्रता हमेशा होनी चाहिए और वो है भावनाओं को समझने की और उन भावनाओं को शब्दों के माध्यम से बयां करने की।
तो दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा और आप इस जवाब से संतुष्ट भी होंगे।
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